क्या आपके दिमाग में कभी ये प्रश्न आया है कि सर्दियों के मौसम में भी ट्रेन में AC का किराया क्यों लेते है?
आइये जानते है आखिर क्यों सर्दियों के मौसम भी ट्रेन में AC का किराया लेते है।
आप अक्सर देखते होंगे की ट्रेन में AC वाले कोच के बाहर वातानुकूलित लिखा होता है जिसका मतलब होता है वातावरण के अनुकूल , मतलब गर्मी में ठंडी का और ठण्ड में गर्मी देने वाला कोच।
गर्मियों के मौसम में जब ट्रेन से बाहर का टेम्प्रेचर 40℃ से 50℃ रहता है तब Ac वाले कोच का टेम्प्रेचर 20℃ से 22℃ तक रहता है जो की कोच के end में लगे एयर कंडीशन , पाईप लाइन के माध्यम से पूरे कोच में ठंडी हवा पंहुचाते है।
जब सर्दियों में ट्रेन से बाहर का टेम्प्रेचर 1℃ से 2℃ तक रहता है तो Ac वाले कोच का टेम्प्रेचर 18℃ से 20℃ तक रहता है जो की कोच में लगे Ac के हीटर को चला कर मेंटेन किया जाता है और उसके गर्मी को बोलोवर के माध्यम से पूरे कोच में भेजा जाता है।
ट्रेनों में लगे AC घरों में लगे AC से बहुत अलग होते है , इसे गर्मियों के मौसम में भी चलाया जाता है और ठण्ड के मौसम में भी और ये मौसम के अनुसार अपना काम करते है जिसे वातानुकूलित कोच कहा जाता है। यही कारण है कि रेलवे ठण्ड के मौसम में भी AC का किराया लेती है क्योंकि इसमें बिजली का खर्च आता है।
इसमें लगे हीटर एक अलग तरह के हीटर होते है यह घरों में लगने वाले हीटर से बहुत अलग होते है क्योंकि इसमें लंबे समय तक रहने के बाद भी शरीर को कुछ भी नुकसान नहीं होता है।
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