Indian Railway (भारतीये रेलवे) का बड़ा ऐलान 2023 तक सभी डीजल लोकोमोटिव हो जायेंगे बंद

भारतीये रेलवे का सबसे बड़ा ऐलान 2023 के बाद किसी भी रेल मार्ग (Rail Route) पर डीजल लोकोमोटिव (Diesel Locomotive) नहीं चलेगी. मतलब 2023 तक डीजल लोकोमोटिव को पूरी तरह से बंद कर दिया जायेगा.

तो आइए जानते है इसे विस्तार में, आखिर क्यों भारतीये रेलवे डीजल लोकोमोटिव (Diesel Locomotive) बंद करने जा रही है और जब इसे पूरी तरह से बंद कर दिया जायेगा तो इतने डीजल लोकोमोटिव का क्या किया जायेगा?

जैसा की आप सब देख रहे होंगे भारतीये रेलवे लगातार उन चीज़ों को बंद कर रही है जिससे प्रदूषण (Pollution) हो रही है. भारतीये रेलवे (Indian Railway) प्रदूषण कम करने के लिए कई सारे प्रयास कर रहे है जैसे ज्यादातर रेल मार्गो को विधुतीकरण (Electrified) कर, विद्युत इंजन (Electric Locomotive) का ज्यादा से ज्यादा उपयोग में लाना. यह इसलिए किया जा रहा है क्योंकि रेलवे का विद्युतिकरण पर्यावरण के अनुकूल है. पर्यावरण के संरक्षण के लिए ही रेलवे ने ब्रॉड गेज पर दिसम्बर 2023 तक सभी डीजल लोकोमोटिव बंद कर देगी और इलेक्ट्रिकल लोकोमोटिव (Electric Locomotive) यूज़ करेगी.

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डीजल लोकोमोटिव (Diesel Locomotive) को बंद करने से फायदा

जैसा की आप सब जानते है कि प्रदूषण लगातार बढ़ता जा रहा है और प्रदूषण (Pollution) बढ़ाने में डीजल भी एक अहम भूमिका निभाती है. भारतीये रेलवे में भी सभी रेल मार्ग विद्युतिकरण (Electrified) नहीं होने के कारण डीजल लोकोमोटिव का ही यूज़ किया जाता है. जिससे पर्यावरण प्रदूषण के साथ - साथ ध्वनि प्रदूषण (Air Pollution + Sound Pollution) भी होती है. जिसे रेलवे अब खत्म करने जा रही है. दिसम्बर 2023 तक सभी ब्रॉड गेज रेल मार्ग (Brode Gauge Rail Route) को विद्युतिकरण (Electrified) कर दी जायेगी जिसके कारण डीजल लोकोमोटिव का यूज़ बंद हो जायेगा जिससे पर्यावरण प्रदूषण के साथ - साथ ध्वनि प्रदूषण भी नहीं होगी.

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पूरी तरह विद्युतिकरण हो जाने के बाद जितने भी LHB कोच वाले ट्रेन चलेगी उसमें जेनरेटर कार (Generator Car) नहीं दिखेगी और अगर लगी भी रहेगी तो वह बंद रहेगी. क्योंकि विद्युतिकरण के बाद इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव डायरेक्ट पेंटोग्राफ (Pantograph) से हर कोच में लाइट, AC और पंखे के लिए बिजली सप्लाई कर सकेंगे. जिसे हेड न जेनरेशन (Head On Generation) कहा जाता है।
वर्तमान में 1280 ट्रेनों में जेनरेटर कार (Generator Car) हटा कर हेड ऑन जेनरेशन सिस्टम (Head On Generation System) से लैस किया गया है। जिसके कारण कार्बन फुटप्रिंट (Carbon Foot Print) में 3188929 टन की कमी आएगी और ट्रेनों से जेनरेटर कार हटाने से लगभग 2300 करोड़ की डीजल की बचत होगी.


2023 के बाद डीजल लोकोमोटिव का क्या होगा

अब आप में से बहुत के मन में यह प्रश्न आ रहा होगा की 2023 के बाद डीजल लोकोमोटिव (Diesel Locomotive) का क्या होगा?
2023 के बाद डीजल लोकोमोटिव का क्या होगा यह जानने से पहले आप यह जान ले की अब रेलवे के द्वारा किसी भी डीजल लोकोमोटिव का प्रोडक्सन नहीं किया जा रहा है. जिस तरह और सब चीजों की एक उम्र होती है. उसी तरह रेलवे में भी कोच से लेकर लोकोमोटिव की भी एक उम्र (Age) होती है अगर लोकोमोटिव की उम्र (Age) की बात करे तो इसकी उम्र 20 से 25 साल तक होती है. नए डीजल लोकोमोटिव न बनने के कारण 2023 तक कई डीजल लोकोमोटिव रिटायर भी हो जायेगी और जो लोकोमोटिव (Locomotive) बच जायेगी उसे देश के बॉर्डर पर यूज़ किया जायेगा या फिर बेच दिया जायेगा.


तो अब आप जान गए होंगे की 2023 तक डीजल लोकोमोटिव क्यों बंद किया जा रहा है और 2023 के बाद डीजल लोकोमोटिव का क्या होगा.
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