जब भी रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर गए होंगे तो आपने देखा होगा एक छोटे से LED बोर्ड पर ट्रेन नम्बर और कोच नम्बर Show करता रहता है और हर ट्रेन की टाइमिंग के यह अनुसार यह बदलते रहता है और लोग उसी कोच नम्बर के अनुसार पहले से तैयार होकर रहते है और जब ट्रेन आती है तो उनका कोच वही रुकता है जंहा Led बोर्ड में कोच नम्बर शो करता है। यह देखकर बहुत लोगों के मन में यह प्रश्न आता है कि यह बोर्ड काम कैसे करता है की ट्रेन उसी बोर्ड (LED Board) के अनुसार कैसे रूकती है. तो आइये जानते है यह बोर्ड कैसे काम करता है और ट्रेन LED बोर्ड के अनुसार ही कैसे रूकती है.
LED बोर्ड क्यों लगाया जाता है
LED बोर्ड कैसे काम करता है यह जानने से पहले आइये जानते है यह क्यों लगाया जाता है और इसका नाम क्या है. इस LED बोर्ड को रेलवे की भाषा में कोच इंडिकेटर बोर्ड (Coach Indicator Board) (CIB) कहते है. यह बोर्ड यात्रियों की सुविधा के लिए लगाया जाता है. इस बोर्ड के रहने से यात्रियों को अपने सीट (Seat) तक पहुँचने में आसानी होता है। क्योंकि Coach Indicator Board में ट्रेन के प्लेटफॉर्म पर आने से पहले ही उस बोर्ड (Led Board) में उस ट्रेन की कोच की स्थिति, ट्रेन नम्बर और प्लेटफॉर्म नम्बर (Coach Position, Train Number or Plateform Number) शो करते रहता है और हर ट्रेन के समय के अनुसार उसमें ट्रेन नम्बर और कोच नम्बर चेंज होते रहते है जिससे यात्री पहले से ही अपने कोच नम्बर (Coach No.) के पास जाकर तैयार रहते है और उन्हें अपने सीट तक पहुँचने में कोई दिक्कत नहीं होती है.
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Coach Indicator Board काम कैसे करता है
Coach Indicator Board एक LED बल्ब का ग्रुप होता है जिसमें 16×32 या 24×48 LED बल्ब को मैट्रिक्स फॉर्म (Matrix Form) में जोड़ कर एक डिस्प्ले बोर्ड (Display Board) तैयार किया जाता है.
यह बोर्ड डबल फेस (Double Face) वाला होता है मतलब इस बोर्ड के दोनों तरफ डिस्प्ले होता है। इन सारे LED बोर्ड को मल्टीप्लेक्सर (Multiplexer) के द्वारा जोड़ कर कम्प्यूटर में एक सॉफ्टवेयर के द्वारा कमांड दिया जाता है. जिससे Coach Indicator Board काम करता है.
भारतीये रेलवे में जितनी भी ट्रेन चलती है उन सभी ट्रेन के कोच की स्थिति पहले से ही तय रही है और यह रेलवे के सभी Inquiry Office को पता होता है. जब ट्रेन प्लेटफॉर्म (Plateform) पर आने वाली रहती है तो उस ट्रेन के कोच की स्थिति और ट्रेन नम्बर का डाटा कंप्यूटर में इंस्टॉल सॉफ्टवेयर (Software) में डाल दिया जाता है और प्लेटफॉर्म पर लगे Coach Indicator Board में शो होने लगती है.
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ट्रेन Coach Indicator Board के अनुसार ही कैसे रूकती है
जैसा की आप सब शायद जानते है भारतीये रेलवे के हर कोच की लंबाई का एक फिक्स साइज (Fix Size) होता है चाहे वह जेनरल कोच हो, स्लीपर हो, 3rd Ac हो या 1st Ac सभी कोच का साइज 23.54 मीटर होता है. मतलब भारतीये रेलवे सभी कोच की लंबाई 23.54 मीटर ही होती है। कोच की लंबाई के अनुसार ही प्लेटफॉर्म पर Led बोर्ड को लगाया जाता है मतलब हर बोर्ड एक फिक्स दुरी पर लगाया जाता है जितनी एक कोच की लंबाई होती है. एक प्लेटफॉर्म पर कुल 26 Coach Indicator Board लगे होते है. कोच की स्थिति पहले से ही तय रहने के कारण और कोच की लंबाई और CIB की दुरी एक समान होने के कारण लोको पायलट Coach Indicator Board के अनुसार ही ट्रेन को रोकते है जिससे कोच भी वंही रूकती है और यात्रियों को अपने सीट तक पँहुचने में कोई दिक्कत नहीं होती है.
तो अब आप जान गए होंगे की प्लेटफॉर्म पर लगे कोच इंडिकेटर बोर्ड (Coach Indicator Board) किस तरह काम करता है, यह क्यों लगाया जाता है और ट्रेन CIB के अनुसार ही कैसे रूकती है.
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