ट्रेन के आखिरी कोच में क्रोस "X"का निशान क्यों बनाया जाता है जानिए. Indian Railway

ट्रेन के आखिरी कोच में आपने भी क्रोस (Cross) "X" का निशान और रात के समय लाल रंग के लाइट (Red Light) देखे होंगे. यह देखकर बहुत से लोगों के मन यह प्रश्न आता है कि आखिरी कोच में क्रोस "X" के निशान क्यों रहते है और अगर यह निशान नहीं रहेगा तो क्या होगा.

तो आइए जानते है आज के इस इंडियन रेलवे फैक्ट (Indian Railway Fact) में की ट्रेन के आखिरी कोच में क्रोस "X"  के निशान क्यों बने होते है और अगर यह नहीं रहेगा तो क्या होगा.

जैसा की हमने पहले भी कहा है भारतीये रेलवे में हर चीज़ का कुछ न कुछ कारण जरूर होता है। ट्रेन के आखिरी कोच में क्रोस "X" के निशान बनाने के भी एक नहीं दो कारण है.

तो आइए जानते है कौन से वो दो कारण है

क्रोस "X" के निशान लगाने का पहला कारण है कि रेलवे कर्मचारी को पता चल सके की वह कोच (Coach) उस ट्रेन का आखिरी कोच है. जैसा की आप सब में से बहुत किसी को पता होगा की जब ट्रेन किसी स्टेशन या रेलवे फाटक से गुजरती है उस वक़्त रेलवे के कर्मचारी उस ट्रेन चेक करते है कि और देखते है कि उस ट्रेन का कोई कोच डी कपल होकर पीछे तो नहीं छूट गया इस चीज़ का आसानी से पता चल सके इसलिये भी ट्रेन के आखिरी कोच में क्रोस "X" के निशान बनाये जाते है.

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अगर आपने ध्यान दिया होगा तो आखिरी में कोच में एक LV का बोर्ड लगा दिया जाता है LV का मतलब होता है Last Vehicle मतलब यह कोच Last है. यह बोर्ड भी इसलिये ही लगाया जाता है कि पता चल सके की यह कोच इस ट्रेन (Train) का आखिरी कोच है.

दूसरा कारण है लिंक ट्रेने (Link Train) मतलब दो ट्रेन अलग - अलग रूट (Route) से होकर आधी यात्रा को पूरी करते है और फिर उन दोनों ट्रेनों का रूट एक होने के कारण उन दोनों को एक साथ जोड़ कर आगे की यात्रा पूरी करते है ऐसे ट्रेनों को लिंक ट्रेन (Link Train) कहा जाता है. ऐसे में जब दो ट्रेनों के कोच को जोड़ कर आगे की यात्रा पूरी कर लेते है और जब उन ट्रेनों के कोच को अलग किया जाता है तब ऐसे में क्रोस "X" केे निशान होने से पता चल जाता है कि इन जगह से ट्रेनों को लिंक किया गया है और जब यात्रा पूरी हो जाती है तो कोच को अलग करने में दिक्कत नहीं आती है.

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रात के समय कैसे पता चलता है कि यह ट्रेन की आखिरी कोच है

अगर आप रात में ट्रेन को देखे होंगे तो आपने देखा होगा आखिरी कोच में लाल रंग का लाइट (Red Light) जलता रहता है. रात के समय यह लाइट ही देखकर रेलवे के कर्मचारी यह सुनिश्चित करते है कि यह कोच ट्रेन की आखिरी कोच है और कोई भी कोच खुल कर पीछे नहीं छूटी है. क्योंकि रात के समय अंधेरे होने के कारण क्रोस "X" का निशान या LV का बोर्ड देखना मुश्किल है इसलिए रात के लिये ट्रेन के आखिरी कोच में Red Light लगाया गया है.


अगर आखिरी कोच में क्रोस "X" के निशान न हो तो क्या होगा

अगर आखिरी कोच में क्रोस "X" के निशान न हो तो क्या होगा इसका जवाब ऊपर पढ़ने पर पता चल गया होगा अगर नहीं पता चला तो आइए जानते है.

जैसा की ऊपर आपने पढ़ा की क्रोस "X" के निशान होने से रेलवे के कर्मचारी आसानी पता लगा लेते है कि यह कोच इस ट्रेन का आखिरी कोच है अगर क्रोस "X" के निशान न हो तो रेलवे के कर्मचारी यह सुनिश्चित नहीं कर पाएंगे कि यह रेलवे का आखिरी कोच है या नहीं है ऐसे में अगर कभी कोई कोच (Coach) खुल कर पीछे छूट जाते है तो इससे बहुत बड़ी हादसा हो सकती है.

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साथ ही साथ लिंक ट्रेन में भी दोनों ट्रेनों के कोच को अलग करते वक़्त अगर क्रोस "X" का निशान न हो तो दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि दोनों ट्रेन मिल जाने के बाद उनके कोच Same हो जाते है और जब उनके कोच अलग किये जायेंगे तो उस समय क्रोस "X" के निशान न रहने से पता नहीं चल पाएगा की यँहा से ट्रेन को लिंक किया गया.

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तो अब आप जान गए होंगे की ट्रेन आखिरी कोच में क्रोस "X" के निशान क्यों बनाया जाता है साथ ही साथ LV बोर्ड और रेड लाइट (Red Light) क्यों लगाया जाता है.

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