ट्रेन में चेन पुलिंग होने पर कैसे पता चलता है कि चेन पुलिंग किस कोच से हुई है? जानें (Indian Railway)

अगर आप ट्रेन में सफर करते होंगे तो आपने देखा होगा की कभी - कभी किसी कोच से चेन पुलिंग (Chain Pulling) की जाती है और फिर कुछ ही देर में रेलवे के कर्मचारी उस कोच तक पहुँच जाते है.

यह देख कर आपके भी मन में यह प्रश्न आया होगा की रेलवे के कर्मचारी को यह कैसे पता चल जाता है कि चेन पुलिंग उसी कोच से हुई है. आइये जानते है


जैसा की आप सब को पता होगा ट्रेन में ब्रेक के लिए दो पाईप का इस्तेमाल किया जाता है जो ट्रेन में लोकोमोटिव (Locomotive) से लेकर अंतिम कोच तक लगा होता है। जिसमे 5.6 Kg का एयर प्रेसर (Air Pressure) रहता है. ट्रेन में ब्रेक लगाने के लिए इसी एयर प्रेसर का इस्तेमाल किया जाता है.

ट्रेन के कोच में लगे चेन पुलिंग (Chain Pulling) एक पतले तार के माध्यम से पाईप में लगे वॉल्व से जुड़ा रहता है अगर कोई यात्री चेन पुलिंग करता है तो पुरे ट्रेन में ब्रेक अप्लाई हो जाता है और पाईप के साथ लगे वॉल्व ऑपरेट होने के साथ - साथ इससे हवा तेजी से बाहर निकलने लगता है. इससे लोको पायलट (Loco Pilot) को पता चल जाता है कि किसी ने चेन पुलिंग की है.

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RPF और Guard को कैसे पता चलता है कि ट्रेन में चेन पुलिंग हुई है?

जैसा की आप सब को पता होगा भारतीय रेलवे हर एक चीज़ का कुछ न कुछ कारण जरूर होता है। अब वो हॉर्न बजाने से लेकर ट्रैक के साइड में लगे बोर्ड तक प्रत्येक के कुछ न कुछ कारण होता है. उसी तरह जैसे ही लोको पायलट को पता चलता है कि किसी ने ट्रेन में चेन पुलिंग हुई है तभी वह 3 बार लगातार हॉर्न (Horn) बजाता है जिससे RPF और Guard समझ जाते है कि किसी ने ट्रेन में चेन पुलिंग की है. तब वह उस कोच तक पहुँच जाते है जंहा से चेन पुलिंग हुई है.


ट्रेन में चेन पुलिंग किस कोच से हुई है यह पहचानने के दो तरीके है?

ट्रेन में चेन पुलिंग किस कोच से हुई है यह पता लगाना बहुत ही आसान है और यह पता लगाने के दो तरीके है और इन्ही दो तरीके से RPF पता लगा लेती है कि ट्रेन के किस कोच से चेन पुलिंग हुई है.

1. एक तो आप जान ही गए होंगे की वॉल्व के पास से तेजी से बाहर की और हवा निकलना.

2. ट्रेन में लगे वॉल्व घूम कर नीचे की तरफ आ जायेगी.

इन्ही दो तरीके से पता चल जाता है ट्रेन में चेन पुलिंग किस कोच से हुई है और अगर कोई बेवजह चेन पुलिंग करता है तो RPF उसे पकड़ लेती है.

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रात में कैसे पता चलता है कि कौन कोच से चेन पुलिंग हुई है?

किस कोच से चेन पुलिंग हुई है यह रात में पहचानना और आसान होता है क्योंकि रात के लिए इसमें लाइटिंग सिस्टम (Lighting System) है. आपने देखा होगा की कोच के दरवाजे के बगल में एक छोटा सा लाइट लगा रहता है यह लाइट चेन पुलिंग के लिए ही लगाया गया है. अगर कोई यात्री रात के समय चेन पुलिंग करता है तो यह लाइट जल जाता है जिससे RPF को पता चल जाता है कि इसी कोच से चेन पुलिंग हुई है.


चेन पुलिंग होने बाद उसे ठीक कैसे किया जाता है?

चेन पुलिंग होने के बाद उसे ठीक करना जरुरी होता है क्योंकि अगर पाईप से हवा निकलता रहेगा तो ट्रेन नहीं चलेगी. इसे ठीक करने के लिए वॉल्व के नीचे की तरफ एक तार का हैंडल रहता है जिसे नीचे की तरफ खींचने पर वाल्व फिर अपने पहले की स्थिति में आ जाता है और हवा निकलना बंद हो जाता है.

फिर पाईप में 5.6 Kg का हवा मेंटेन (Air Maintain) होने के बाद ट्रेन फिर से चलने के लिए तैयार हो जाती है.


तो अब आप जान गए होंगे की ट्रेन में चेन पुलिंग होने पर कैसे पता चलता है कि चेन पुलिंग की किस कोच से हुई है, चेन पुलिंग होने पर RPF और Guard को कैसे पता चलता है और चेन पुलिंग होने के बाद उसे पुनः उसे ठीक कैसे किया जाता है?

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